Schools Closed for 12 Days – स्कूलों की 12 दिन की छुट्टियों की घोषणा ने बच्चों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। जैसे ही ये खबर फैली, घरों में जश्न जैसा माहौल बन गया। बच्चों के लिए ये एक सुनहरा मौका है जब वे किताबों और होमवर्क से दूर होकर अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं। माता-पिता भी इन छुट्टियों का फायदा उठाकर बच्चों को किसी टूर पर ले जाने की योजना बना रहे हैं। खासकर दिवाली और दशहरे जैसे त्योहारों के आसपास आने वाली ये छुट्टियाँ, पारिवारिक मेलजोल और घूमने-फिरने का सबसे अच्छा समय मानी जाती हैं। यह समय बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि उन्हें ब्रेक मिल जाता है। इसके अलावा स्कूल और टीचर्स को भी जरूरी आराम का समय मिलता है ताकि वे फिर से ऊर्जा के साथ नए सत्र की तैयारी कर सकें। कुल मिलाकर यह फैसला बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों सभी के लिए खुशी लेकर आया है।

बच्चों की छुट्टियों में बढ़ा उत्साह और रचनात्मकता
स्कूल बंद होने की खबर सुनते ही बच्चों में जैसे उछाल सा आ गया। सुबह जल्दी उठने और होमवर्क के तनाव से राहत मिलते ही उन्होंने अपनी पसंदीदा एक्टिविटीज़ की लिस्ट बना ली। कई बच्चे अब पेंटिंग, डांस, म्यूजिक या खेल जैसे शौक पूरे करने में लग गए हैं। यह समय न केवल उनके आराम के लिए है, बल्कि उनकी रचनात्मकता को उभारने का भी सुनहरा अवसर है। माता-पिता भी अब बच्चों को मोबाइल या टीवी से हटाकर एक्टिव मोड में रखने के लिए आउटडोर गेम्स, आर्ट-क्लास और पढ़ने की आदतों को बढ़ावा दे रहे हैं। शहरों में आयोजित बच्चों के लिए स्पेशल वर्कशॉप्स और क्लासेस भी इन दिनों काफी डिमांड में हैं। बच्चे जब सीखते हुए मस्ती करते हैं तो उनका विकास तेज़ी से होता है, और यही इन छुट्टियों का असली उद्देश्य बन सकता है।
परिवारों के लिए घूमने-फिरने का सुनहरा अवसर
इन छुट्टियों को परिवारों ने घूमने-फिरने के मौके में बदल दिया है। बहुत से लोग पहले से ही धार्मिक यात्रा, हिल स्टेशन ट्रिप या अपने पैतृक गांव जाने की योजना बना रहे हैं। लंबे समय से व्यस्त जीवन में फंसे माता-पिता के लिए यह मौका बच्चों के साथ बॉन्डिंग को और मजबूत करने का है। ट्रैवल वेबसाइट्स और टूर पैकेज में भी बुकिंग की बढ़ोतरी देखी जा रही है। ट्रेन और फ्लाइट टिकट्स की डिमांड अचानक बढ़ गई है। होटल्स और रिजॉर्ट्स भी छुट्टियों को देखते हुए ऑफर और पैकेज दे रहे हैं। बच्चों के लिए यह यात्रा अनुभव शिक्षा से कम नहीं होती, क्योंकि वे नई जगहें, संस्कृतियाँ और जीवनशैली को करीब से देख पाते हैं। इस तरह यह छुट्टियाँ एक मिनी फैमिली वैकेशन में बदल रही हैं।
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अभिभावकों के लिए प्लानिंग और बजट मैनेजमेंट जरूरी
हालांकि छुट्टियाँ बच्चों और परिवारों के लिए खुशियों से भरी हैं, लेकिन अभिभावकों के लिए थोड़ी प्लानिंग और जिम्मेदारी का समय भी है। 12 दिनों का लंबा ब्रेक यानि कि बच्चों को घर में व्यस्त और खुश रखना आसान नहीं होता। ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि वे एक संतुलित टाइमटेबल बनाएं जिसमें खेल, पढ़ाई और आराम तीनों को शामिल किया जाए। साथ ही, घूमने-फिरने की प्लानिंग करते समय बजट का ध्यान रखना भी जरूरी है। फालतू खर्चों से बचने के लिए पहले से बुकिंग और डिस्काउंट ऑफर का लाभ लेना चाहिए। बच्चों के लिए जरूरी सामान, दवाइयाँ, और सुरक्षा से जुड़ी चीजें भी पैकिंग में शामिल करें। सही प्लानिंग से यह छुट्टियाँ वाकई यादगार और तनावमुक्त बन सकती हैं।
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स्कूलों और शिक्षकों को भी मिल रहा आराम और तैयारी का समय
छुट्टियों का लाभ केवल बच्चों और माता-पिता को ही नहीं, बल्कि शिक्षकों और स्कूल स्टाफ को भी मिलता है। पूरे साल लगातार क्लासेस, एग्जाम्स, मीटिंग्स और इवेंट्स में व्यस्त रहने वाले शिक्षक इन दिनों अपने लिए थोड़ा समय निकाल सकते हैं। वे इस ब्रेक में अपनी अगली पाठ्य योजनाओं की तैयारी कर सकते हैं, नई टीचिंग टेक्निक्स सीख सकते हैं या खुद की स्किल डेवलपमेंट पर काम कर सकते हैं। कई स्कूलों में टीचर्स के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स और वेबिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं। यह ब्रेक उन्हें मानसिक रूप से तरोताजा करता है और उन्हें फिर से एनर्जी के साथ बच्चों के सामने आने का मौका देता है। इस तरह छुट्टियाँ शिक्षा प्रणाली के हर पहलू को फायदा पहुंचाती हैं।
