UPI New Rule 2025 – केंद्र सरकार ने डिजिटल पेमेंट को और सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए UPI के नए नियमों की घोषणा कर दी है। 2025 से लागू होने वाले इन 5 नए नियमों का सीधा असर आम जनता, व्यापारी और बैंकिंग सिस्टम पर पड़ेगा। अब हर UPI ट्रांजैक्शन पर सुरक्षा जांच और लिमिट नियमों में बदलाव देखने को मिलेगा। सरकार का यह कदम ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर क्राइम को रोकने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है। इन नियमों के तहत पेमेंट लिमिट, ऑटो पे सर्विस, बिजनेस ट्रांजैक्शन और वेरिफिकेशन प्रोसेस में बड़े बदलाव होंगे। आइए जानते हैं, 2025 में लागू होने वाले इन नए UPI नियमों की पूरी जानकारी और उनका असर आम यूजर पर क्या पड़ेगा।

UPI New Rule 2025: सरकार ने जारी किए 5 बड़े बदलाव
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए UPI New Rule 2025 के तहत डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा और विश्वसनीयता को प्राथमिकता दी गई है। नए नियमों में पहला बदलाव है – ऑटो पेमेंट लिमिट को ₹15,000 तक सीमित किया गया है, ताकि किसी भी धोखाधड़ी की स्थिति में नुकसान कम हो सके। दूसरा बदलाव यह है कि अब ₹2,000 से अधिक के सभी UPI ट्रांजैक्शन पर ओटीपी वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। तीसरा नियम यह है कि यदि आपका अकाउंट तीन महीने तक निष्क्रिय रहता है, तो उसे अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिया जाएगा। चौथा बदलाव बिजनेस ट्रांजैक्शन से संबंधित है, जिसमें बैंक को हर पेमेंट की रिपोर्टिंग करनी होगी। पांचवां और सबसे अहम बदलाव यह है कि अब विदेशी UPI यूजर्स को भी भारत में QR स्कैन करके पेमेंट करने की सुविधा दी जाएगी।
UPI Transaction Limit और Security Rules में बड़ा बदलाव
UPI Transaction Limit 2025 में बढ़ाई और घटाई दोनों गई है, ताकि सभी वर्गों को संतुलित सुरक्षा मिल सके। सामान्य यूजर के लिए दिनभर में ₹2 लाख की लिमिट रखी गई है, जबकि बिजनेस या सरकारी लेनदेन के लिए ₹5 लाख तक की अनुमति दी गई है। साथ ही, ट्रांजैक्शन करने से पहले यूजर को फेस ऑथेंटिकेशन या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जैसे अतिरिक्त सुरक्षा फीचर का उपयोग करना होगा। यदि किसी डिवाइस से लगातार तीन असफल ट्रांजैक्शन होते हैं, तो सिस्टम उस डिवाइस को अस्थायी रूप से लॉक कर देगा। इससे धोखाधड़ी के मामलों में 70% तक की कमी आने की उम्मीद है। ये सभी अपडेटेड नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे और देशभर में सभी बैंकिंग ऐप्स को इन्हें अपनाना अनिवार्य होगा।
Digital India अभियान के तहत UPI System को किया गया और मजबूत
केंद्र सरकार का उद्देश्य है कि Digital India के तहत UPI को और तेज, आसान और सुरक्षित बनाया जाए। पिछले कुछ वर्षों में भारत में UPI ट्रांजैक्शन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे साइबर सुरक्षा पर दबाव बढ़ गया था। नए नियमों के माध्यम से सरकार ने न केवल सुरक्षा को प्राथमिकता दी है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है। छोटे व्यापारियों के लिए अब QR कोड पेमेंट को सरल बनाया गया है, और उन्हें बिना किसी शुल्क के ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलेगी। इससे ई-कॉमर्स, किराना स्टोर्स और लोकल बिजनेस को बड़ा फायदा होगा।
UPI User Verification और Complaint Process में नया सिस्टम
UPI New Rule 2025 के तहत अब हर यूजर को अपनी पहचान दोबारा वेरिफाई करनी होगी। इसके लिए मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट और आधार कार्ड का क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा। किसी भी फ्रॉड या गलत ट्रांजैक्शन की स्थिति में यूजर अब UPI ऐप के “Quick Complaint” सेक्शन से 10 मिनट के भीतर शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर बैंक को जवाब देना अनिवार्य होगा।