Land Registry New Rules – भारत सरकार ने जमीन खरीद-बिक्री से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे हर खरीदार और विक्रेता को सतर्क रहना जरूरी हो गया है। अब रजिस्ट्री प्रक्रिया में नए प्रावधान लागू किए गए हैं ताकि फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के मामलों को रोका जा सके। नए नियमों के अनुसार, खरीदारों को अब संपत्ति की पूरी जानकारी जैसे भू-राजस्व रिकॉर्ड, ऑनलाइन सत्यापन और डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए प्रमाणित करनी होगी। अगर कोई व्यक्ति बिना जांचे रजिस्ट्री करा देता है, तो भविष्य में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सरकार का यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और लोगों को सुरक्षित संपत्ति लेनदेन का भरोसा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

रजिस्ट्री प्रक्रिया में आया बड़ा बदलाव – जानें नए नियम
अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए केवल कागजी दस्तावेज ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन रिकॉर्ड की जांच भी अनिवार्य कर दी गई है। भूमि विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब हर खरीदार को पहले जमीन के स्वामित्व, सीमांकन और विवाद स्थिति की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल से लेनी होगी। इसके बाद ही रजिस्ट्री स्वीकृत की जाएगी। यह कदम खासकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हो रहे भूमि विवादों को रोकने में मदद करेगा। अब सभी पंजीकरण कार्यालयों को डिजिटल रिकॉर्ड से जोड़ा जा रहा है, जिससे कोई भी नागरिक अपने मोबाइल या कंप्यूटर से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है। सरकार चाहती है कि हर नागरिक बिना किसी दलाल के सीधे सही जानकारी प्राप्त कर सके।
खरीदारों के लिए जरूरी सावधानियां – वरना हो सकता है नुकसान
नए रजिस्ट्री नियमों के तहत, खरीदार को अब सेलर की पहचान, भूमि का भू-अभिलेख नंबर और संबंधित करों का भुगतान प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक है। यदि यह दस्तावेज अधूरे हैं, तो रजिस्ट्री रद्द कर दी जाएगी। यह नियम खासकर उन मामलों में सख्ती से लागू होगा जहां पहले जाली दस्तावेजों के माध्यम से संपत्ति बेची गई थी। जमीन खरीदने से पहले नागरिकों को ‘भूमि सत्यापन पोर्टल’ पर जाकर जांच करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर भविष्य में स्वामित्व विवाद या कानूनी अड़चनें आ सकती हैं। सरकार ने खरीदारों को चेतावनी दी है कि किसी भी आकर्षक ऑफर में जल्दबाजी न करें और पहले सभी कागजातों की जांच करें।
सरकार का उद्देश्य – पारदर्शी भूमि रजिस्ट्री व्यवस्था
भूमि एवं राजस्व विभाग का कहना है कि इस नए सिस्टम का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े को रोकना है। पहले कई बार देखा गया कि एक ही जमीन की रजिस्ट्री कई लोगों के नाम पर की जाती थी। अब हर रजिस्ट्री को यूनिक कोड के माध्यम से लिंक किया जाएगा ताकि किसी भी भूमि का रिकॉर्ड डुप्लीकेट न हो सके। इसके अलावा, खरीदार को OTP आधारित वेरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसका फायदा यह होगा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में भरोसा बढ़ेगा और निवेशक भी अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे। इस बदलाव से आम जनता को पारदर्शी और विश्वसनीय प्रणाली का लाभ मिलेगा।
नया रजिस्ट्री सिस्टम कैसे करेगा खरीदारों की सुरक्षा?
नया डिजिटल रजिस्ट्री सिस्टम खरीदारों को पूरी सुरक्षा प्रदान करेगा। अब प्रत्येक भूमि सौदे को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा और उसका पूरा विवरण राजस्व रिकॉर्ड में स्वतः अपडेट होगा। यदि कोई व्यक्ति धोखे से दोबारा उसी जमीन की बिक्री करने की कोशिश करता है, तो सिस्टम स्वतः उसे ब्लॉक कर देगा। इससे फर्जी खरीद-फरोख्त की घटनाओं पर रोक लगेगी। इसके अलावा, नए नियमों में यह भी जोड़ा गया है कि बैंक और बीमा संस्थान भी भूमि रिकॉर्ड को सत्यापित किए बिना किसी लोन या बीमा की स्वीकृति नहीं देंगे। कुल मिलाकर, यह पहल भूमि निवेशकों और आम नागरिकों दोनों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करेगी।