चेक बाउंस को लेकर RBI का बड़ा फैसला आज से नई नियम लागू Cheque Bounce

Cheque Bounce – भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देशभर में बढ़ते चेक बाउंस मामलों को रोकने के लिए एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। अब चेक बाउंस केवल एक सामान्य बैंकिंग गलती नहीं मानी जाएगी, बल्कि इसे एक गंभीर वित्तीय अनुशासन का उल्लंघन माना जाएगा। इस फैसले के तहत, अगर किसी ग्राहक का चेक बार-बार बाउंस होता है तो उसके खिलाफ न केवल जुर्माना लगेगा, बल्कि उसकी क्रेडिट रेटिंग और बैंकिंग प्रोफाइल पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। पहले जहां केवल जुर्माने और नोटिस के जरिए ऐसे मामलों को निपटाया जाता था, अब बैंक इन ग्राहकों की जानकारी सीधे क्रेडिट ब्यूरो को भेजेंगे। इससे भविष्य में ऐसे ग्राहकों के लिए किसी भी तरह का लोन, क्रेडिट कार्ड या अन्य बैंकिंग सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। यह फैसला 16 अक्टूबर 2025 से देशभर में लागू हो गया है और इसका उद्देश्य वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।

Cheque Bounce
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RBI के नए नियमों से क्या बदलेगा – जानिए पूरा अपडेट

RBI द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब अगर किसी व्यक्ति का चेक बाउंस होता है तो बैंक तुरंत ग्राहक को इसकी सूचना देगा और साथ ही उसकी बैंकिंग हिस्ट्री में ‘चेक डिफॉल्ट’ का उल्लेख किया जाएगा। अगर एक ही व्यक्ति का चेक तीन बार से अधिक बाउंस होता है, तो बैंक उसके खाते को अस्थायी रूप से निलंबित भी कर सकता है। इसके अलावा, बैंक ऐसे ग्राहकों के विवरण को क्रेडिट एजेंसियों जैसे CIBIL को भेजेंगे, जिससे उनकी वित्तीय साख प्रभावित होगी। इसका सीधा असर यह होगा कि भविष्य में ऐसे ग्राहकों के लिए किसी भी प्रकार की लोन सुविधा या क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति कठिन हो जाएगी। यह नियम मुख्य रूप से उन खाताधारकों पर लागू होगा जो बार-बार भुगतान करने में लापरवाही दिखाते हैं। इस कदम से व्यापारिक पारदर्शिता और बैंकिंग भरोसे को मजबूती मिलेगी।

चेक बाउंस पर अब लगेगा भारी जुर्माना और कानूनी सजा

नए RBI नियमों के तहत, अब चेक बाउंस पर पहले की तुलना में कई गुना अधिक जुर्माना देना होगा। जहां पहले बैंक 500 से 1000 रुपये तक का शुल्क वसूलते थे, अब यह बढ़कर ₹2,500 तक हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति बार-बार चेक बाउंस करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 138 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसमें तीन महीने की जेल या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है। इसके अलावा, बैंक ऐसे ग्राहकों को ‘हाई रिस्क’ कैटेगरी में डाल सकते हैं। इसका मतलब यह होगा कि उन्हें भविष्य में किसी भी वित्तीय सेवा के लिए अतिरिक्त जांच या रोक का सामना करना पड़ेगा। RBI का मानना है कि यह कठोर कदम लोगों को समय पर भुगतान करने के लिए प्रेरित करेगा और वित्तीय अनुशासन को बनाए रखेगा।

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Cheque Bounce से बचने के लिए ग्राहकों को क्या सावधानी रखनी चाहिए

इन नए नियमों के लागू होने के बाद ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे चेक जारी करने से पहले अपने खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें। किसी भी प्रकार की देरी या अनियमितता से बचने के लिए ग्राहकों को समय पर EMI और अन्य भुगतान पूरे करने होंगे। यदि किसी कारणवश चेक बाउंस हो जाए, तो तुरंत बैंक से संपर्क कर समाधान निकालना चाहिए। इसके अलावा, ऑनलाइन भुगतान जैसे UPI, नेट बैंकिंग, और ऑटो-डेबिट सिस्टम का उपयोग करने से भी चेक बाउंस की संभावना कम हो सकती है। जो ग्राहक अपने बैंक खातों को जिम्मेदारी से संचालित करते हैं, उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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