त्योहारों से पहले खुशखबरी: बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट | Cooking oil

Cooking oil – त्योहारों से पहले आम जनता के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। रसोई का बजट संभालने वालों के लिए यह खबर बेहद सुकून देने वाली है, क्योंकि खाने के तेल की कीमतों में अब गिरावट देखने को मिल रही है। खासतौर पर त्योहारों के मौसम में जब घरों में पकवानों की भरमार होती है, ऐसे समय में तेल की घटती कीमतें घर के बजट को थोड़ा राहत देती हैं। सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम ऑयल जैसे प्रमुख तेलों की कीमतों में हाल ही में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर तक की गिरावट आई है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड पाम ऑयल और अन्य खाद्य तेलों के दामों में कमी और घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी इसका मुख्य कारण है।

Cooking oil
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त्योहारी सीजन में तेल की कीमतों में गिरावट से राहत

त्योहारों का समय हमेशा से खरीदारी और रसोई में खास पकवानों का होता है, ऐसे में तेल की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। इस बार रसोई के बजट पर बोझ कुछ कम हुआ है, क्योंकि सूरजमुखी, रिफाइंड, सोयाबीन और पाम ऑयल की कीमतों में कमी दर्ज की गई है। देश के कई बड़े मंडियों में रिटेल रेट 10 से 15 रुपये प्रति लीटर तक नीचे आया है। यह गिरावट खासकर नवरात्रि और दिवाली के पहले चरण में देखने को मिल रही है। केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती और थोक बाजारों में डिमांड कम होने की वजह से यह गिरावट आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें स्थिर रहीं तो यह राहत लंबे समय तक बनी रह सकती है। उपभोक्ताओं के लिए यह सही समय है जब वे थोक में खरीद कर त्योहारों के दौरान अधिक खर्च से बच सकते हैं।

घरेलू बजट में राहत देने वाला फैसला

खाने के तेल की कीमतों में आई गिरावट ने मध्यमवर्गीय और निम्न आयवर्ग के परिवारों को बड़ी राहत दी है। आमतौर पर त्योहारी सीजन में तेल और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ जाती हैं, जिससे आम जनता का बजट गड़बड़ा जाता है। लेकिन इस बार सरकारी प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय बाजार की मदद से तस्वीर बदली हुई है। भारत सरकार ने हाल ही में खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाले शुल्क में कटौती की, जिससे तेल की कीमतें थोक बाजार में नीचे आ गईं। इसके अलावा घरेलू किसानों द्वारा किया गया रिकॉर्ड उत्पादन भी आपूर्ति को स्थिर बना रहा है।

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अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर भारतीय कीमतों पर

भारतीय खाद्य तेल बाजार पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर है। पाम ऑयल, सोयाबीन और सूरजमुखी का एक बड़ा हिस्सा आयात के जरिए देश में आता है। पिछले कुछ महीनों में मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों से आने वाले तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड पाम ऑयल की कीमतों में 8 से 10 प्रतिशत तक की गिरावट हुई है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति भी थोड़ी मजबूत हुई है, जिससे आयात थोड़ा सस्ता पड़ा है।

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उपभोक्ताओं के लिए सलाह: अभी करें स्मार्ट खरीदारी

जिन उपभोक्ताओं को रसोई के सामान की बड़े पैमाने पर खरीदारी करनी है, उनके लिए यह समय बेहद अनुकूल है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अभी तेल की कीमतें नीचे हैं, लेकिन त्योहारों की करीबियों के चलते मांग तेजी से बढ़ेगी, जिससे कीमतें फिर चढ़ सकती हैं। खासकर दिवाली के पहले सप्ताह में रेट में हल्का उछाल संभव है।

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