Check Bounce Case – सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस मामलों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिससे अब आम लोगों को कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पहले जहां चेक बाउंस केसों में बार-बार तारीखें पड़ती थीं और सालों तक मामला लटका रहता था, अब इस नई व्यवस्था से तेजी से निपटारा होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामलों को प्राथमिकता के साथ निपटाया जाए और एक निश्चित समय सीमा में सजा या समझौते का फैसला दिया जाए। इससे व्यापारियों, नौकरीपेशा लोगों और आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। यह फैसला बैंकिंग क्षेत्र और आम लेनदेन में विश्वास बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे नकद के बजाय डिजिटल और चेक लेनदेन को और प्रोत्साहन मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अब नहीं लगेंगे कोर्ट के चक्कर
सुप्रीम कोर्ट के इस नए नियम के तहत चेक बाउंस से जुड़े मामलों में अनावश्यक देरी खत्म की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि अब इन मामलों की सुनवाई ऑनलाइन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकेगी ताकि पीड़ित पक्ष को न्याय जल्दी मिले। यह फैसला देशभर में लाखों पेंडिंग चेक बाउंस मामलों को जल्दी सुलझाने में मील का पत्थर साबित होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि मजिस्ट्रेट स्तर पर भी ऐसे केसों का निपटारा 6 महीनों के भीतर किया जाए ताकि न्याय प्रणाली पर बोझ कम हो सके।
अब चेक बाउंस मामलों में होगा तेजी से निपटारा
इस फैसले से खासकर छोटे व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों को राहत मिलेगी जो लंबे समय से कोर्ट में तारीख पर तारीख झेल रहे थे। अब शिकायत दर्ज होते ही मामला ई-कोर्ट सिस्टम में दर्ज होगा और सुनवाई की तारीखें स्वचालित रूप से तय की जाएंगी। साथ ही, आरोपी और शिकायतकर्ता दोनों को ईमेल या एसएमएस के जरिए नोटिस भेजे जाएंगे। यह पूरी प्रक्रिया न्याय प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे भ्रष्टाचार और देरी में काफी कमी आएगी।
नया नियम क्या कहता है और किसे होगा लाभ
नए नियम के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति का चेक बाउंस होता है तो शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों के भीतर नोटिस भेजा जाएगा। उसके बाद अधिकतम 6 महीनों में मामले का निपटारा होना चाहिए। अगर आरोपी सुलह करना चाहता है, तो कोर्ट तुरंत समझौते की प्रक्रिया शुरू करेगी। इससे न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी आएगी। यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए राहत है जो वर्षों से चेक बाउंस मामलों में फंसे हुए हैं और उन्हें अब लंबी कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
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डिजिटल सिस्टम से बदल जाएगी कोर्ट की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब ई-कोर्ट पोर्टल के जरिए सभी चेक बाउंस मामलों को ऑनलाइन मॉनिटर किया जाएगा। इससे जजों को भी लंबित मामलों की रियल टाइम जानकारी मिलेगी और कार्यवाही पारदर्शी होगी। वकीलों और पक्षकारों को ऑनलाइन केस स्टेटस देखने की सुविधा मिलेगी। इस फैसले से न केवल समय की बचत होगी बल्कि न्याय प्रणाली में आम लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। सरकार और न्यायपालिका के बीच तालमेल से यह कदम एक बड़े सुधार की दिशा में माना जा रहा है।
