CIBIL Score – भारत सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुए अब लोन लेने के लिए सिविल स्कोर (CIBIL Score) की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। 15 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाले इस नए नियम के तहत अब आम नागरिक बिना अच्छे सिविल स्कोर के भी बैंक या एनबीएफसी से लोन प्राप्त कर सकेंगे। यह कदम उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जिनका सिविल स्कोर खराब है या जिन्होंने पहले कभी लोन नहीं लिया। सरकार का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और छोटे व्यवसायों, किसानों, तथा नए युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। अब लोन पात्रता तय करने के लिए बैंक आवेदक की आय, भुगतान क्षमता और रोजगार की स्थिरता को प्राथमिकता देंगे।

15 अक्टूबर से लागू होंगे लोन के नए नियम
15 अक्टूबर 2025 से लागू होने जा रहे इन नए नियमों के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सिविल स्कोर के स्थान पर नए मापदंड अपनाने होंगे। अब बैंक ग्राहक की मासिक आय, खर्च, नौकरी की स्थिरता, और पिछले छह महीने के बैंक स्टेटमेंट के आधार पर लोन स्वीकृत करेंगे। इससे लाखों ऐसे लोग जिन्हें पहले सिविल स्कोर कम होने की वजह से लोन से वंचित रखा जाता था, अब आसानी से वित्तीय सहायता प्राप्त कर पाएंगे। यह बदलाव प्रधानमंत्री वित्तीय सशक्तिकरण मिशन के तहत किया गया है ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आर्थिक गति बढ़ सके।
कम सिविल स्कोर वालों के लिए राहत की बड़ी खबर
जिन लोगों का सिविल स्कोर 650 से नीचे है, उनके लिए यह फैसला एक बड़ी राहत साबित होगा। पहले बैंक ऐसे ग्राहकों को उच्च ब्याज दर या लोन अस्वीकृति जैसी परिस्थितियों का सामना करवाते थे, लेकिन अब स्थिति बदल जाएगी। सरकार ने वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों के वास्तविक वित्तीय व्यवहार और वर्तमान आय पर ध्यान दें। इससे नए उद्यमियों, स्वरोजगार करने वालों, और छोटे व्यापारियों को बिना किसी परेशानी के लोन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह कदम डिजिटल इंडिया के तहत ‘ईज ऑफ लोन एक्सेस’ को भी मजबूत करेगा।

बैंकों की लोन प्रक्रिया में आएगा बड़ा बदलाव
नए नियम लागू होने के बाद बैंकों की लोन स्वीकृति प्रक्रिया में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। अब स्वीकृति केवल सिविल स्कोर पर निर्भर नहीं होगी, बल्कि ग्राहकों के आर्थिक व्यवहार, ट्रांजैक्शन हिस्ट्री और रोजगार की स्थिति का गहन मूल्यांकन किया जाएगा। इसके लिए विशेष AI-आधारित सिस्टम तैयार किए जा रहे हैं जो स्वतः आवेदक की योग्यता का विश्लेषण करेंगे। इससे लोन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज हो जाएगी, और ग्राहक को कुछ ही घंटों में लोन स्वीकृति मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
ग्राहकों के लिए क्या रहेगा फायदा
इस निर्णय से आम नागरिकों को कई लाभ मिलेंगे। पहले जहां खराब सिविल स्कोर होने पर व्यक्ति को लोन अस्वीकृति का सामना करना पड़ता था, वहीं अब उसे आय और स्थिरता के आधार पर मौका मिलेगा। इससे नई नौकरी पाने वाले युवाओं, किसानों, छोटे दुकानदारों और महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा। यह नियम वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देगा और अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा लाएगा। सरकार का कहना है कि आने वाले समय में इस प्रक्रिया को और भी सरल बनाया जाएगा ताकि हर व्यक्ति अपनी जरूरत के मुताबिक लोन ले सके और देश की विकास यात्रा में शामिल हो सके।