रिटायरमेंट के बाद PF से कितनी मिलेगी पेंशन? जानिए EPFO की नई गाइडलाइन और लिमिट

EPFO New Guidelines – रिटायरमेंट के बाद सबसे बड़ा सवाल होता है अब हर महीने खर्च कैसे चलाया जाएगा? इसी सवाल का जवाब है EPFO की पेंशन योजना, जो कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद एक सुनिश्चित आय का जरिया बनती है। EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) ने हाल ही में अपनी गाइडलाइन में बदलाव करते हुए पेंशन की गणना और लिमिट को लेकर कुछ अहम अपडेट जारी किए हैं। पहले जहां पेंशन एक निश्चित सीमा तक सीमित थी, अब नए नियमों के तहत अधिक योगदान और लंबे समय तक सेवा करने वाले कर्मचारियों को अधिक पेंशन मिलने का रास्ता खुल गया है। इसके अलावा EPFO ने पेंशन की मैक्सिमम सीमा को लेकर भी स्पष्टता दी है, जिससे अब रिटायर हो चुके कर्मचारियों को यह समझने में आसानी होगी कि उन्हें हर महीने कितनी रकम मिलेगी। इस लेख में जानिए EPFO की नई गाइडलाइन, पेंशन की गणना का तरीका और कौन-कौन से कर्मचारी इस लाभ के पात्र हैं।

EPFO __Updates
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EPFO की नई पेंशन गाइडलाइन: कर्मचारियों के लिए क्या बदला?

EPFO ने अपनी नई गाइडलाइन में पेंशन की सीमा और पात्रता को लेकर कई बड़े बदलाव किए हैं। पहले कर्मचारियों की मासिक सैलरी का 8.33% हिस्सा पेंशन स्कीम (EPS) में जाता था, जिसकी अधिकतम लिमिट ₹15,000 थी। लेकिन नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी भी EPS के तहत अधिक योगदान कर सकते हैं। इस बदलाव से उन कर्मचारियों को फायदा मिलेगा जिनका बेसिक वेतन ₹15,000 से अधिक है। अगर वे चाहें तो वे EPS में उच्च योगदान के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन की राशि काफी बढ़ सकती है। EPFO ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद इस बदलाव को लागू किया है। इससे लाखों कर्मचारी, खासकर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग, अब बेहतर पेंशन पाने की उम्मीद कर सकते हैं।

रिटायरमेंट के बाद कितनी मिलेगी पेंशन? जानिए गणना का फॉर्मूला

EPFO के नियमों के अनुसार, पेंशन की गणना एक विशेष फॉर्मूला के आधार पर होती है: (पेंशन योग्य सैलरी × सेवा के वर्ष) ÷ 70। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी की पेंशन योग्य सैलरी ₹15,000 है और उसने 30 साल सेवा की है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी: (15000 × 30) ÷ 70 = ₹6,428. हालांकि यदि कर्मचारी ने EPS में उच्च योगदान किया है और उसकी सैलरी ₹25,000 है, तो वही गणना अनुसार पेंशन बनती है ₹10,714 प्रति माह। इसी से यह स्पष्ट होता है कि सैलरी जितनी अधिक होगी और सर्विस पीरियड जितना लंबा होगा, पेंशन उतनी ही बेहतर मिलेगी।

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किन कर्मचारियों को मिलेगा अधिक पेंशन का लाभ?

EPFO की नई गाइडलाइन का सबसे बड़ा लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो लंबे समय से किसी संस्थान में कार्यरत हैं और जिनका वेतन ₹15,000 से अधिक है। खासकर वे कर्मचारी जो 10 साल या उससे अधिक की सेवा कर चुके हैं और EPS में लगातार योगदान देते रहे हैं, वे उच्च पेंशन के पात्र बन सकते हैं। इसके लिए उन्हें EPFO द्वारा निर्धारित विशेष जॉइंट ऑप्शन फॉर्म भरकर जमा करना होगा। यह फॉर्म उन कर्मचारियों के लिए है जो EPS में अधिक योगदान करना चाहते हैं ताकि रिटायरमेंट के बाद उन्हें ₹10,000 या उससे अधिक की पेंशन मिल सके।

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पेंशन लेने की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

रिटायरमेंट के बाद EPFO से पेंशन लेने के लिए कुछ आवश्यक प्रक्रिया को पूरा करना होता है। सबसे पहले कर्मचारी को अपने अंतिम नियोक्ता के माध्यम से फॉर्म 10-D भरकर EPFO कार्यालय में जमा करना होता है। इसके साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) नंबर और सर्विस रिकॉर्ड जरूरी होता है। EPFO अब ऑनलाइन पेंशन क्लेम की सुविधा भी दे रहा है, जिससे प्रक्रिया और आसान हो गई है। ऑनलाइन क्लेम करने के लिए यूएएन नंबर एक्टिवेट होना जरूरी है और केवाईसी दस्तावेज अपडेट होने चाहिए। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और डिजिटल हो चुकी है, जिससे पेंशन क्लेम में देरी की संभावना काफी कम हो गई है।

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