Income Tax News – सरकारी वेतनभोगियों के लिए 2025 एक बड़ा बदलाव लेकर आया है, जहां बेसिक-पे को ₹1,51,100 से बढ़ाकर ₹2,90,112 किया जा रहा है। इस वृद्धि से कर्मचारियों की सैलरी में तो जबरदस्त इजाफा होगा, लेकिन इसके साथ ही इनकम टैक्स की देनदारी में भी भारी उछाल आएगा। अनुमान के अनुसार, इस बढ़े हुए बेसिक-पे पर इनकम टैक्स की कटौती ₹75,012 तक पहुंच सकती है। यह बदलाव नई सैलरी स्लैब और टैक्स कैलकुलेशन के हिसाब से तय किया गया है। कई कर्मचारियों के लिए यह बढ़ोत्तरी फायदे का सौदा हो सकती है, लेकिन टैक्स प्लानिंग सही तरीके से न की जाए तो हाथ में कम रकम ही बचेगी। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि नई सैलरी पर टैक्स की गणना कैसे होती है, और किन कटौतियों के साथ कर्मचारियों को क्या-क्या फायदा मिलेगा।

नई बेसिक-पे वृद्धि का असर आपकी कुल सैलरी पर
₹1,51,100 की मौजूदा बेसिक-पे को ₹2,90,112 तक बढ़ाना एक ऐतिहासिक फैसला माना जा सकता है। इसका असर सिर्फ बेसिक पर ही नहीं, बल्कि Dearness Allowance (DA), House Rent Allowance (HRA) और अन्य भत्तों पर भी पड़ेगा क्योंकि ये सब बेसिक-पे के प्रतिशत के आधार पर तय होते हैं। यदि DA 50% है, तो नई बेसिक-पे के हिसाब से यह ₹1,45,056 हो जाएगा, जो पहले ₹75,550 के आसपास था। इसी तरह, HRA भी काफी बढ़ जाएगा, जिससे कुल सैलरी ₹4.5 लाख के पार जा सकती है। यह बढ़ोत्तरी जहां कर्मचारियों की खरीद क्षमता को मजबूत बनाएगी, वहीं उन्हें टैक्स की गणना और सेविंग्स प्लानिंग को लेकर भी सतर्क रहना होगा, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा नेट इनहैंड सैलरी का लाभ उठा सकें।
इनकम टैक्स में ₹75,012 की बढ़ोतरी – पूरा ब्रेकडाउन देखें
नई बेसिक-पे के आधार पर सालाना इनकम लगभग ₹34,81,344 होगी (₹2,90,112 * 12)। यदि किसी कर्मचारी को अन्य भत्तों के साथ कुल ग्रॉस इनकम ₹45 लाख तक पहुंचती है, तो टैक्स स्लैब के अनुसार उस पर करीब ₹75,012 का अतिरिक्त इनकम टैक्स लगेगा। यह राशि उस स्थिति में लागू होगी जब स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹50,000 और HRA या अन्य डिडक्शन सीमित हों। यदि कोई कर्मचारी सेक्शन 80C, 80D, NPS, और HRA का सही तरीके से लाभ नहीं उठाता है, तो टैक्स देनदारी और भी ज्यादा बढ़ सकती है। इसलिए जरूरी है कि टैक्स बचत के लिए समय रहते प्लान किया जाए।
बेसिक-पे वृद्धि से जुड़े अन्य फायदे – ग्रेच्युटी और PF योगदान
बेसिक-पे में बढ़ोतरी का सीधा असर भविष्य निधि (PF) और ग्रेच्युटी पर भी पड़ता है। चूंकि PF का योगदान बेसिक-पे का 12% होता है, इसलिए नई सैलरी के हिसाब से PF में हर महीने ₹34,813 जमा होंगे, जबकि पहले यह ₹18,132 था। इसका मतलब है कि कर्मचारी के रिटायरमेंट फंड में बड़ा इजाफा होगा। इसके अलावा, ग्रेच्युटी की गणना भी बढ़े हुए बेसिक के आधार पर होती है, जिससे रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली राशि कई लाख तक बढ़ सकती है। इससे कर्मचारी की लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल सिक्योरिटी मजबूत होती है।
इनहैंड सैलरी और बजट पर प्रभाव – प्लानिंग कैसे करें?
भले ही ग्रॉस सैलरी काफी ज्यादा लगती हो, लेकिन इनहैंड यानी हाथ में आने वाली सैलरी कई कटौतियों के बाद ही मिलती है। नई बेसिक-पे के साथ DA, HRA, PF कटौती, इनकम टैक्स, NPS आदि को मिलाकर लगभग ₹1 लाख से ज्यादा की मासिक कटौती हो सकती है। इससे इनहैंड सैलरी ₹3 लाख से घटकर ₹2 लाख तक रह सकती है। ऐसे में, यह जरूरी हो जाता है कि कर्मचारी अपने बजट, खर्च और निवेश योजनाओं को नए सिरे से प्लान करें। SIP, Health Insurance, Emergency Fund और Tax Saving Instruments को प्राथमिकता देना फायदेमंद रहेगा।
