Old Pension Scheme News – उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बहाल करने का ऐलान किया है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। इस फैसले की लंबे समय से मांग की जा रही थी, खासतौर पर उन कर्मचारियों द्वारा जो 2005 से पहले की भर्ती प्रक्रिया के तहत आए थे। पुरानी योजना के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एक सुनिश्चित राशि पेंशन के रूप में जीवनभर मिलती है, जो उन्हें आर्थिक सुरक्षा देती है। इसके विपरीत, नई पेंशन योजना (NPS) शेयर मार्केट आधारित है और पेंशन राशि तय नहीं होती। राज्य सरकार का यह निर्णय न केवल कर्मचारियों को राहत देगा, बल्कि उनकी सेवाओं के प्रति सम्मान भी दर्शाएगा। इसके तहत अब ऐसे सभी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा जो पुरानी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत आते हैं।

किसे मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ?
पुरानी पेंशन योजना बहाली के बाद यह सवाल सबसे अहम हो गया है कि किसे इसका फायदा मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में साफ किया है कि वे कर्मचारी जो 1 अप्रैल 2005 से पहले नियुक्त हुए थे और जिनकी सेवा अभी भी जारी है या रिटायर हो चुकी है, उन्हें इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। इसमें शिक्षक, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, लिपिक वर्ग, व अन्य सभी राज्य सरकार के अधीन कर्मचारी शामिल हैं। यह योजना उन्हें फिर से वह स्थायी पेंशन सुरक्षा प्रदान करेगी, जो NPS ने खत्म कर दी थी।
क्यों हटाई गई थी पुरानी पेंशन योजना?
साल 2004-05 में केंद्र सरकार ने ‘नई पेंशन योजना’ (NPS) की शुरुआत की थी, जिसे बाद में अधिकतर राज्यों ने अपनाया। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अप्रैल 2005 से पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था और इसके स्थान पर NPS लागू किया गया। सरकार का मानना था कि पुरानी पेंशन योजना राजकोष पर भारी पड़ रही थी, जबकि NPS के तहत कर्मचारियों और सरकार दोनों का योगदान होता है और पेंशन मार्केट आधारित होती है। लेकिन समय के साथ कर्मचारियों ने पाया कि NPS में उन्हें पेंशन की कोई गारंटी नहीं मिलती, जिससे उनके भविष्य की आर्थिक सुरक्षा संकट में आ जाती है।
बजट और वित्तीय प्रबंधन पर असर
पुरानी पेंशन योजना की बहाली निश्चित रूप से राज्य सरकार के बजट पर असर डालेगी। अनुमान है कि इससे हजारों करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय बोझ बढ़ सकता है। लेकिन सरकार का मानना है कि यह बोझ कर्मचारियों की वफादारी और संतुष्टि के बदले उठाया जा सकता है। इसके लिए वित्त विभाग एक विस्तृत योजना बना रहा है जिसमें कर्मचारियों की संख्या, सेवा अवधि, और अनुमानित पेंशन को ध्यान में रखते हुए फंडिंग मॉडल तैयार किया जाएगा। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वित्तीय अनुशासन बनाए रखा जाए और अनावश्यक खर्चों को नियंत्रित किया जाए, तो यह योजना सफलतापूर्वक लागू की जा सकती है।
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
पुरानी पेंशन योजना की वापसी की खबर मिलते ही पूरे राज्य के कर्मचारी संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गई। कई संगठनों ने इसे ‘ऐतिहासिक जीत’ करार दिया और कहा कि वर्षों की मेहनत रंग लाई है। कर्मचारी नेता इसे सरकार की दूरदर्शिता का परिचायक मान रहे हैं। सोशल मीडिया और रैलियों के माध्यम से धन्यवाद देने की मुहिम शुरू हो चुकी है। साथ ही वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार और अन्य राज्य भी इस निर्णय से प्रेरणा लें और पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करें। उत्तर प्रदेश का यह कदम पूरे देश में एक मिसाल बन सकता है।
