Old Pension Yojana – पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Yojana) को लेकर सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना से संबंधित एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे लाखों कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। हाल ही में घोषित नए नियम के तहत, पुराने कर्मचारियों को अब फिर से पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सकता है, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी। इस फैसले से उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो पहले नई पेंशन योजना (NPS) के तहत आ गए थे लेकिन वे पुरानी योजना में लौटना चाहते थे।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लाखों कर्मचारियों को राहत – Old Pension Yojana में फिर से वापसी का मौका
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुरानी पेंशन योजना पर लिया गया फैसला केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। कोर्ट ने यह माना है कि अगर कोई कर्मचारी तय तिथि से पहले नियुक्त हुआ था, तो उसे पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए, भले ही बाद में उसे NPS में सम्मिलित कर दिया गया हो। कोर्ट के इस फैसले ने उन हजारों कर्मचारियों को उम्मीद दी है जो वर्षों से अपने पेंशन अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस निर्णय के बाद कर्मचारी संगठनों ने सरकार से जल्द से जल्द इस पर अमल करने की मांग की है।
पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के लिए सरकार तय करेगी मानदंड – जानिए कौन होगा पात्र
अब जब सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी पेंशन योजना में वापसी का मार्ग साफ कर दिया है, तो सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह पात्रता के स्पष्ट मानदंड घोषित करे। संभावित तौर पर वे सभी कर्मचारी जो 1 जनवरी 2004 से पहले नियुक्त हुए थे, इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे। कुछ राज्यों ने पहले ही ऐसे कर्मचारियों को पुरानी योजना में वापस शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्र सरकार भी इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रही है। पेंशन नियमों में बदलाव से जुड़े नए दिशानिर्देश जल्द जारी किए जा सकते हैं।
NPS बनाम OPS – जानिए दोनों योजनाओं में क्या है अंतर और कर्मचारियों को क्यों है पुरानी योजना की मांग
नई पेंशन योजना (NPS) और पुरानी पेंशन योजना (OPS) के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि OPS में रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन मिलती है, जबकि NPS में मिलने वाली राशि शेयर मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। कर्मचारियों को NPS में अनिश्चितता की भावना होती है क्योंकि उन्हें यह पता नहीं होता कि रिटायरमेंट पर उन्हें कितनी राशि मिलेगी। दूसरी ओर, OPS में बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस के आधार पर नियमित पेंशन मिलती है, जिससे भविष्य की योजना बनाना आसान होता है।
राज्यों की भूमिका भी अहम – कुछ राज्य पहले ही कर चुके हैं OPS की बहाली, क्या केंद्र सरकार भी करेगी लागू?
पुरानी पेंशन योजना को लेकर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग दृष्टिकोण देखने को मिले हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने पहले ही अपने कर्मचारियों के लिए OPS बहाल कर दिया है। इन राज्यों ने स्पष्ट किया है कि OPS से कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होता है और यह राज्य की सामाजिक जिम्मेदारी है। अब सवाल उठता है कि क्या केंद्र सरकार भी इसी राह पर चलेगी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार पर नैतिक दबाव बनाता है कि वह भी अपने कर्मचारियों के लिए समान नीति अपनाए।